आज सुनाती हूँ
उस अहसास की कहानी
जो है अभीतक तुमसे
अंजानी
जानते हो.ये प्रेम इन रूहोंकी बातें
सभी करते हैं.लेकिन शायद महसूस
सभी कर नहीं पाते ♥
हाँ मैं महसूस करतीं हूँ अहसास को लेकिन तुम कभी नहीं समझ सकते कभी कभी इन अहसासों को महसूस करना कितना तकलीफ़ दे जाता है..
नहीं जानती ये अहसास अच्छे हैं या बूरे कभी ये अहसास मुझे खुशियों से भर देते हैं तो कभी ये मेरे रूह तक को झंझोड़ देते हैं
हाँ मैं महसूस करतीं हूँ अहसास को लेकिन तुम कभी नहीं समझ सकते कभी कभी इन अहसासों को महसूस करना कितना तकलीफ़ दे जाता है..
नहीं जानती ये अहसास अच्छे हैं या बूरे कभी ये अहसास मुझे खुशियों से भर देते हैं तो कभी ये मेरे रूह तक को झंझोड़ देते हैं
ऐसा ही झंझोड़नेवाला अहसास
उस दिन भी मुझे चारों ओर से घेर लिया
जबतुम जाने लगे
मैं कुछ देर वही खरी रही
मुझे अहसास हो गया
तुम नहीं लौटके आओगे
बोझिल पेरों के सहारे लौट आई मैं
तब से अभी तक तुम्हारे साथ की
यादों को सहज़ने लगी..
जानती थी जो पल बीत रहा है
वो लौट के ना आयेगा..
मैने सहेज़े उन खतों को
जिन्हें पढ़ के जी संकू
मैने सहेज़े उस आवाज़ को
जिसे घण्टों सून संकू
हाँ तुम्हारे जाने के बाद
जिससे मैं जी संकू
मुझे किसी से कोई गिला नहीं
क्या हुआ जो.. तूँ मुझे मिला नहीं
अगले जन्म छीन लूंगी तुझे
इतना यक़ीन तो है ही मुझे ♥
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