कुछ लफ्ज♥

तुम्हारे कहे कुछ लफ़्ज़ मुझे बार बार सुनाई देते हैं उनमें ढुंढ़ती रहती हूँ अपने लिये कुछ अपनापन और फिर मुसकुरा उठती हूँ ♥

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